Thursday, October 21, 2010

"मेरा बेबस प्यार"


अब नहीं याद मुझे वो शैदाई ख्वाब, ऐ बेवफा सनम...
जिसमें तेरी आँखों में जन्नत नज़र आया करती थी...
जिसमें तेरी साँसों की गर्मी से मेरी ठिठुरन जाया करती थी...
जिसमें होती थी रौशन रोज़ चांदनी रातें...
जिसमें तेरी मेरी धड़कन कुछ बहक सी जाया करती थी...

अब नहीं मज़ा देती वो पूर्णमासी की रातें...
जिसमें सारी रात चंदा निहारते बीत जाया करती थी...
जिसमें जुगनुओं की चमक से आँखें चौंध जाया करती थी...
जिसमें भुलाती थी दिनभर की टूटन तेरी मुस्कानें...
जिसमें तेरी मेरी बतियाँ हर सवाल मिटा दिया करती थी...

अब नहीं करती सावन का इंतज़ार ये आँखें...
जिसमें तेरे संग भीगने की लहर मन में जागा करती थी...
जिसमें तेरी आँखों की शरारत मुझे छेड़ जाया करती थी...
जिसमें सिहरती थी तेरी छुअन से हर सासें...
जिसमें तेरी मेरी मोहब्बत के गीतों से बूंदें सुर मिलाया करती थी...

अब ना हैं वो ख्वाब... ना वो रातें... ना वो इंतज़ार...
बस है तो सिर्फ मैं और मेरा बेबस प्यार...
सिर्फ मैं...
और मेरे बेवफा सनम का...
मुझपे किया हर वार...!!

::::::::जूली मुलानी::::::::
::::::::Julie Mulani::::::::

1 comment:

  1. अब ना हैं वो ख्वाब... ना वो रातें... ना वो इंतज़ार...
    बस है तो सिर्फ मैं और मेरा बेबस प्यार...
    सिर्फ मैं...
    और मेरे बेवफा सनम का...
    मुझपे किया हर वार...!!
    ...
    kavitha me jadu hota hai, kavitha dil ko choo jati hai- i read these lines in the childhood, when my mother taught us poems in our hindi classes.
    Mere Maa ne bacpan mey kaha tha,
    kavi kalpnik cheezo ko sayahi mey doobokey, kalam dwara kazag mey peroo deta hai,
    but mostly poets gets words from maturity and through there koown known experience, means either it must ahve happened somehwere.

    tumne kitne khoobsurte se pyar ko babas kiya hai julie.
    i mean how can u write all those without any life experiences.
    choti se hoo, aur itne badi badi batee
    janab chulie bala he aise hai...........

    tumhara Allahabadi bhaiya

    ReplyDelete