Thursday, October 21, 2010

"चुटकी भर...'सिन्दूर'...!!"


हूँ तैयार..
पर कुछ है बाकी...
जानती हूँ क्या है, वो...
पर पूरा नहीं कर सकती...
वो ही तो बचा रखा है, तेरे लिये...
तेरे हाथों के स्पर्श से जब वो छुएगा मुझे...
हो जाउंगी, तुम्हारी...
सदा के लिये...

एक रंग...
जो भर देगा ज़िन्दगी में हर रंग...
जो देगा मुझे एक नया नाम...
वो नाम, जो तेरे नाम से ही होगा शुरू...
और, ख़तम...

फिर कुछ ना रहेगा सूना-सूना...
कुछ ना रहेगा मुझमें अधूरा...
हो जाउंगी पूरी...
सिर्फ एक लाल रंग से...
सिर्फ उस सिन्दूर से...
जिसका इंतज़ार किया है बरसों...
मेरी सूनी प्यासी मांग नें...
मेरी पलकों के अधूरे ख़्वाबों नें...
मेरे हाथों की रची मेहंदी की महक नें...
मेरे अधरों पर फैली खोई-खोई मुस्कान नें...
मेरी छनकती पायल के तड़पते घुंघरुओं नें...
मेरे खनकते कंगनों की मौन खनक नें...

आज मिलेगी सबको उसकी मंजिल...
मुझे मिलोगे, तुम...
और तुम्हें मुझमें समाया, तेरा दिल...
सिर्फ, एक चुटकी भर सिन्दूर से...
जो भरोगे तुम आज...
मेरी मांग में...!!

::::::::जूली मुलानी::::::::
::::::::Julie Mulani::::::::

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