Monday, January 17, 2011

ऐसी 'जिद'... ऐसा 'फितूर'...!!




कुछ 'ऐसी' ज़िद है...
ऐसा 'फ़ितूर' है...
नहीं तलाशनी पड़ती...
कोई 'वजह'...
हंसने-रोने को...
नाराज हूँ 'खुद' से...
या 'किस' से... "क्यों"...
नहीं जानती...
जानना 'भी' नहीं चाहती...
चल रही जिन 'राहों' में...
जाते 'किस' मंजिल...
नहीं 'पहचानती'...
क्यों नहीं आता कोई मोड़ 'नया'...
जहाँ "थम" जाऊं...
ना 'थकती' चल-चल के...
अकेली... "तनहा"...
थकान खुद 'छोडती-सी' लगती...
'साथ' मेरा...
उसे 'पकड़ना' भी "क्यों" नहीं चाहती...
सब कहते 'दीवाना' मुझे...
तुम 'भी' तो... कहते "यही"...
पर जानते भी तो "सिर्फ" तुम्ही 'यही'...
दीवानगी की "तेरी"... 'मुझे'...
कुछ 'ऐसी' ज़िद है...
'ऐसा' फ़ितूर है...!!

::::जूली मुलानी::::::::
::::::::Julie Mulani::::::::

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