Thursday, October 21, 2010

"हमारी 'दिया'...!!"




((( ये कविता मैंने अपनी भतीजी (दिया) के तीसरे जन्मदिन २७/०९/२०१० पर लिखी थी...!! ))) 

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भइया के आँगन की प्यारी...
नन्ही सी बिटिया 'दिया' हमारी...
भाभी की पलकों का सुमन...
मेरे घर का हर पल खिलता मधुबन...
चंदा सी सूरत...
भोली सी मूरत...
हर पल मुस्काती...
बस खुशियाँ बिखराती...
बुआ के दिल की रानी है वो...
परियों की जैसे कहानी है वो...
दादू के कंधे से ऊंचा उसके लिए कुछ नहीं...
दादी की बाहों सा झूला उसके लिए कहीं नहीं...
दिन भर करती है शरारतें नई-नई...
भरता नहीं मन उसका, खिंचवाती है तस्वीरें कई-कई...
जो पकड़ना चाहो तो भागती है तेज़...
जो जकड़ना चाहो तो फैलाती है बाहों की सेज...
करती है तंग कभी कविताएँ सुना-सुना के...
लाती है होठो पे हँसी 'आल इज वेल' गा-गा के...
भर आती हैं आँखें तब...
दूर कभी रहूंगी उससे, ख़याल आता है जब...
पूछती हूँ फिर, 'तू बिन मेरे कैसे रहेगी'...???
कहती है मासूमियत से बड़ी...
'बुआ मेरी है... बस मेरे पास ही रहेगी'...!!
ऐ खुदा मेरे, बस इतनी दुआ कबूल कर...
ना हो कभी इसकी आँखें नम, इसे लग जाए मेरी उमर...!!


'दिया' की 'बुआ'...
::::::::जूली मुलानी::::::::
::::::::Julie Mulani::::::::

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